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बार संता पठान के घर गया। पठान, उसकी ग़दर गांड मस्त कड़क जवान बीवी और संता सब टेबल पर बैठे खाना खा रहे थे कि अचानक संता ने अपने पैरों में कुछ हरकत महसूस की।
संता ने टेबल के नीचे देखा तो पठान की बीवी संता को छेड़ रही थी।
संता ने पठान की बीवी की तरफ देखा तो वो संता को इशारा कर के रसोई में चली गयी।
संता ने भी बहाना बनाया और रसोई में चला गया।
रसोई में पठान की बीवी ने संता से पूछा - "क्या हुआ ? क्या समझे?"
संता उसके बड़े बड़े टाइट बूब्स को घूरते हुए एक हाथ से अपने लंड को सहलाते हुए कहता है : वही जो तुम चाहती हो।
पठान की बीवी अपना हाथ आगे बढाकर उसके खड़े लंड को पेंट के ऊपर से ही अपनी मुट्ठी में दबोचते हुए बोली : तो फिर क्या इरादा है ?
संता उसके एक बूब्स को दबाते हुए बोला : जैसे तुम कहो।
पठान की बीवी बोली : कल सुबह आ जाना और शाम तक चाहे जितने बार चोदना और चाहे जैसे मर्ज़ी वैसे चोदना, पर पूरे 10,000 रुपये लगेंगे। उस से एक रूपये काम नहीं लूंगी .....
संता ने कुछ देर सोचा और अबकी बार उसके दोनों मस्ताने गदराये बूब्स को अपने दोनों हाथो में पकड़ा और दोनों को एक साथ जोर से मसलते हुए बोला - "ठीक है, मैं कल आऊंगा।"
अगले दिन संता पैसे लेकर आया और उसने दिन भर पठान की बीवी की गदराई जवानी का रस चूसा और उसकी कम चुदी कमसिन चूत की जी भर के अलग अलग आसनों में जमकर चुदाई की।
और शाम को जाते जाते दस हजार की गड्डी उसकी पैंटी में फंसा कर चला गया ...
शाम को जब पठान वापिस घर लौटा तो उसने बीवी से पूछा, "संता आया था क्या ? "
बीवी पहले तो यह सुनकर घबरा गयी और उसकी गांड फट गयी कि कहीं पठान को पता तो नहीं लग गया फिर थोड़ी हिम्मत करके बोली, "जी हाँ, आया था।"
पठान खुश होते हुए बोला : चलो अच्छा है, दरसल वो मुझ से सुबह 10,000 रुपये ले गया था और बोल रहा था की शाम तक भाभी जी को घर पर दे जाऊंगा।"
बार संता पठान के घर गया। पठान, उसकी ग़दर गांड मस्त कड़क जवान बीवी और संता सब टेबल पर बैठे खाना खा रहे थे कि अचानक संता ने अपने पैरों में कुछ हरकत महसूस की।
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संता ने पठान की बीवी की तरफ देखा तो वो संता को इशारा कर के रसोई में चली गयी।
संता ने भी बहाना बनाया और रसोई में चला गया।
रसोई में पठान की बीवी ने संता से पूछा - "क्या हुआ ? क्या समझे?"
संता उसके बड़े बड़े टाइट बूब्स को घूरते हुए एक हाथ से अपने लंड को सहलाते हुए कहता है : वही जो तुम चाहती हो।
पठान की बीवी अपना हाथ आगे बढाकर उसके खड़े लंड को पेंट के ऊपर से ही अपनी मुट्ठी में दबोचते हुए बोली : तो फिर क्या इरादा है ?
संता उसके एक बूब्स को दबाते हुए बोला : जैसे तुम कहो।
पठान की बीवी बोली : कल सुबह आ जाना और शाम तक चाहे जितने बार चोदना और चाहे जैसे मर्ज़ी वैसे चोदना, पर पूरे 10,000 रुपये लगेंगे। उस से एक रूपये काम नहीं लूंगी .....
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और शाम को जाते जाते दस हजार की गड्डी उसकी पैंटी में फंसा कर चला गया ...
शाम को जब पठान वापिस घर लौटा तो उसने बीवी से पूछा, "संता आया था क्या ? "
बीवी पहले तो यह सुनकर घबरा गयी और उसकी गांड फट गयी कि कहीं पठान को पता तो नहीं लग गया फिर थोड़ी हिम्मत करके बोली, "जी हाँ, आया था।"
पठान खुश होते हुए बोला : चलो अच्छा है, दरसल वो मुझ से सुबह 10,000 रुपये ले गया था और बोल रहा था की शाम तक भाभी जी को घर पर दे जाऊंगा।"